बुलंदशहर-प्रीति सोलंकी,
बुलंदशहर शिकारपुर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही आई सामने।
खबर विस्तार से– अन्नू पत्नी जीतेन्द्र मोहल्ला चौक चैनपुरा शिकारपुर को दिनांक 14 जनवरी 2025 समय करीब 4 बजे सरकारी स्वास्थ्य केंद्र शिकारपुर में भर्ती किया गया था। जिनकी डिलीवरी समय करीब 5 बजकर 34 मिनट पर नॉर्मल हो गई थी। सरकारी स्टाफ के द्वारा समय लगभग 7:30 पर दिनांक 14 जनवरी 2025 को सरकारी गाड़ी यानी एंबुलेंस के माध्यम से डिस्चार्ज कर घर पर छुड़वा दिया गया था।
जबकि सरकारी नियम के अनुसार 48 घंटे से पहले किसी भी डिलीवरी केस को डिस्चार्ज नहीं किया जाता है। जब पेशेंट अपने घर पर पहुंचा तो कुछ समय बाद ही मरीज की तबीयत खराब होने लगी। उसी समय मरीज के पती जितेंद्र कुमार द्वारा फिर से 108 पर कॉल की गई समय करीब रात 11 बजकर 28 मिनट पर दिनांक 14 जनवरी 2025 को एंबुलेंस बुलाकर उसमें रखकर मरीज को दोबारा से अस्पताल लेकर गए।
तभी अचानक तबियत ख़राब होने के कारण अनु की समय लगभग 11 बजे से 12 बजे के बीच 14 जनवरी को मृत्यु हो गई। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र शिकारपुर का परिजनों द्वारा रिकार्ड देखा गया तो डिस्चार्ज के समय में फर्क पाया गया। रिकॉर्ड के मुताबिक मृतक को 15 जनवरी 2025 को सुबह 9 बजे डिस्चार्ज दिखाया गया है। जबकि मृतक की मृत्यु 14 जनवरी 2025 को ही रात में हो गई थी।
पीड़ित का कहना है कि यदि समय पर सही उपचार किया गया होता तो आज उसकी पत्नी की मृत्यु नहीं होती। स्वास्थ्य विभाग की कमी की वजह से ही मेरी पत्नी की मृत्यु हुई है।
